उपवास - What is fasting ?
उपवास का मतलब होता है - जो छोटी आंते हमारे खाने को पचाने काम करता है उसको थोड़ा सा आराम देना हम यह नहीं कह सकते इसमें कि हम उसको पूर्ण तरीके से आराम दे सकते हैं क्योंकि अगर आप पानी या चाय भी लेते हैं तो उसको पचाने के लिए भी आंतों को काम करना पड़ता है। इसलिए उपवास के जरिए हम इनका काम थोड़ा सा कम कर सकते हैं थोड़ा हल्का फुल्का खा कर। आज के समय में भागदौड़ वाली 🥗🥗 दुनिया में किसी के पास निर्धारित टाइम नहीं है खाना खाने का और कभी-कभी तो खाना खाने के बाद भी कई बार ऐसा होता है कि पेट फुल होने के बाद भी बहुत कुछ खा लिया जाता है अब आपने जब वह पहले से पड़ा हुआ खाना नहीं पचाया तो दूसरी बार का खाना कैसे पचेगा। चलिए मैं आपको सीधे तौर पर समझाती हूं। मान लीजिए आपको कहीं जाना है लेकिन उसी टाइम पर आपके घर पर मेहमान आ जाते हैं तब आप क्या करेंगे या तो आप अपना बाहर जाना कैंसिल करेंगे या फिर मेहमानों को बोलेंगे कि आप कल आना आप बताइए क्या करेंगे और आपके पास दूसरा कोई ऑप्शन भी नहीं है। ऐसे ही जब खाना खाते हैं और सॉलिड खाना खाते हैं तब आंतों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और फिर उसके बाद दूसरा खाना फिर से खा लेना वह भी ऐसा जो बहुत जल्दी नहीं पचता तो सोचिए उसमें आंतों को कितना काम करना पड़ेगा। बस यही कारण है कि जब खाना अच्छे से नहीं पचता तो शरीर में कई ऐसी बीमारियां पैदा होती हैं जो नहीं होनी चाहिए और शरीर को नुकसान करने लगती हैं लेकिन इस पर किसी की नजर नहीं पड़ती क्योंकि टेस्ट के आगे ज्यादातर लोग हार जाते हैं। खाना खाने के बाद अगर आंत को ऐसे ही काम करना पड़ेगा तो वह बहुत जल्दी खराब भी हो जाती हैं यानी कि बीमार हो जाती हैं। इसलिए पूरे शरीर को आराम करने की जरूरत पड़ती है वैसे ही आंत को भी आराम करने की जरूरत होती है। तो बस यही है सीधा सीधा रास्ता उपवास के जरिए अपनी आंत को आराम देने का सही तरीका। मान लीजिए आप महीने के 25 दिन खाना सॉलिड खाते हैं तो 5 दिन हल्का खाना खाकर अपने आंतों को आराम दे सकते हैं। उपवास का महत्व हर धर्म में दिया गया है। इसका कारण एक यह भी है कि अपने शरीर को थोड़ा सा कुछ दिनों के लिए आराम देना यानी कि आप जो खाना खाते हैं , उस खाने को पाचने का काम करती है छोटी आंत, इसलिए छोटी आंत को थोड़ा सा आराम दीजिए। जिससे आपका शरीर भी अच्छा रहेगा और आप भी स्वस्थ रहेंगे।
🥗 उपवास से मिलने वाले फायदे -🥗
🥗 उपवास रखने का सबसे पहला काम है - शरीर के अंदर से जहरीले ने पदार्थों को निकालना जो शरीर में बीमारियां पैदा करते हैं और उपवास जब किया जाता है तो यह जहरीले पदार्थ शरीर के अंदर रुक नहीं पाते क्योंकि बॉडी के पार्ट्स का काम ही है शरीर में किसी भी फालतू चीज को पड़े नहीं रहने देना जब आप उपवास रखते हैं तब सॉलिड खाना ना मिलने के कारण शरीर खुद जहरीले पदार्थों को बाहर निकालना शुरू कर देता है। हम जानते हैं हमारा शरीर पाचन क्रिया करने के लिए हर वक्त चालू रहता है लेकिन अगर आप इसको आराम नहीं देंगे तो वह खराब होना शुरू हो जाएगा जैसे कि घर में कोई भी मशीन एक समय तक ही चला सकते हैं अगर आप उसको ज्यादा चलाएंगे तो मशीन भी खराब हो जाएगी तो आपका शरीर तो शरीर है आपका शरीर मशीन नहीं है इसलिए इसको आराम देने की कोशिश करें जितना हो सके आप खाना खाने के बाद तीन से 4 घंटों तक कुछ भी ना खाएं। कई लोगों की आदत होती है कि खाना खाने की देर नहीं होगी तुरन्त ही कुछ ना कुछ और भी खाने को शुरू कर देते हैं। जो कि गलत है, इसलिए महीने के 5 दिन अगर आप उपवास रखते हैं तब भी आप अपने शरीर को काफी हद तक बीमारियों से बचा सकते हैं और जहरीले पदार्थ को आप अच्छे से बाहर निकाल सकते हैं जिसमें आपको कोई भी दवाइयां खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी सिर्फ आप उपवास से ही इतना कर सकते हैं।
🥗 कोई भी व्यक्ति जो भी खाना खाता है, उस खाने से कुछ जीवाणु पैदा होते हैं और वह जीवाणु हमारे खाए हुए खाने को खाकर बढ़ते रहते हैं यानी कि वह हमारे शरीर में बीमारियां पैदा करने के लिए होते हैं और धीरे-धीरे वह अपनी संख्या बढ़ाते जाते हैं और जो अच्छे जीवाणु होते हैं उनकी संख्या घटती जाती है जो आपके शरीर को लड़ने की ताकत देते हैं और जब वह धीरे-धीरे खत्म होना शुरू हो जाते हैं तो आपका शरीर बीमारियों से लड़ नहीं पाता और जो जीवाणु बीमारियां पैदा करते हैं वह पूरे शरीर में अपना कब्जा कर लेते हैं। लेकिन अगर आप उपवास रखते हैं, तब इन जीवाणुओं का नाश होता हैऔर धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होने लगती है क्योंकि यह खाना सड़ा हुआ खाते हैं जो आपके शरीर में कहीं ना कहीं पड़ा रह जाता है जो आप अच्छी तरह से नहीं पचा पाती ।उपवास रखने से पेट के कई रोग भी दूर होते हैं अगर आप संतुलित भोजन खाते हैं तो आपको उपवास रखने की इतनी जरूरत नहीं है जितना की फैट वाला खाना और प्रोटीन वाला खाना खाने वाले को जरूरत पड़ती है। अगर कोई व्यक्ति सात्विक भोजन करता है तो उसको उपवास करने की जरूरत इसलिए नहीं पड़ती क्योंकि उसकी पाचन शक्ति पहले से ही अच्छी रहती है।
🥗 उपवास रखने की विधि -
- अगर आप उपवास रखते हैं तो उस दिन आपको किसी भी तरीके का भोजन नहीं करना है।
- दो से 3 लीटर पानी में तीन नींबू का रस मिलाकर पूरे दिन पीना चाहिए और फलों का जूस या सब्जियों के सूप का सेवन करना चाहिए।
- जिस व्यक्ति को उपवास रखने में थोड़ी सी कठिनाई आए तो उस व्यक्ति को हल्का सा सब्जियों का सूप या पानी वाला पतला दलिया ही लेना चाहिए।
- उपवास हमेशा अपने सामर्थ्य के हिसाब से करना चाहिए यानी कि जो व्यक्ति उपवास रखने में असमर्थ है वह कई दिनों का उपवास ना करें इससे उसको परेशानी हो सकती है। और बिना अपने डॉक्टर के देखरेख में ना करें।
- उपवास तोड़ते समय हमेशा याद रहे ठोस आहार का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें इससे आपका उपवास किया हुआ बेकार हो जाएगा और आपने जो मेहनत की वह सब बेकार हो जाएगी इसलिए कोशिश करें कि आप हल्के खाने से ही उपवास को तोड़ने की कोशिश करें।
🥗 उपवास कब नहीं करना चाहिए -
🥗 जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है वह लोग उपवास ना करें। क्योंकि ज्यादा देर तक भूखा रहने से डायबिटीज वाले रोगी को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। खाना समय पर ना मिलने पर उनको कमजोरी चक्कर आना और डिहाईड्रेशन जैसी समस्या हो सकती हैं।
🥗 गर्भावस्था के समय उपवास नहीं करना चाहिए इससे शरीर में कमजोरी हो जाती है और गर्भ को भी कई पोषक तत्व नहीं मिल पाते इसलिए। गर्भावस्था के समय स्त्री को पौष्टिक खाने की जरूरत पड़ती है। इसलिए गर्भावस्था के समय उपवास नहीं करना चाहिए।
🥗 जिन लोगों को आंखों की समस्या जैसे कि कम दिखाई देना रात में ना दिखाई देना मोतियाबिंद हो ना या आंखों की अन्य बीमारी वाले लोगों को उपवास नहीं करना चाहिए।
🥗 जिन लोगों को शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी रहती है। या उनको शरीर में कहीं ना कहीं दर्द रहता है तो उनको भी उपवास नहीं करना चाहिए। उनको सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। लेकिन उपवास नहीं करना चाहिए। ऐसे व्यक्ति अगर उपवास रखना चाहते हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
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