दाद खाज खुजली herpes scabies itching


 


दाद 

🌺  दाद एक त्वचा की गंभीर समस्या है। जो किसी फंगल या किसी संक्रमण के कारण होता है। यह त्वचा के ऊपरी सतह पर होता है और ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बड़ी आसानी से फैल जाता है। दाद को चिकित्सकीय भाषा में  टिनीया ( Tinea )  कहते हैं। यह एक परतदार त्वचा पर गोल और लाल चकत्ते के रूप में दिखाई देता है, और इसमें खुजली एवं जलन होती है। यह बड़ी ही आसानी से संक्रमित व्यक्ति की चीजें या कपड़े  इस्तेमाल करने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में  फैल जाता है।🌺




 🌺 दाद क्या होता है ? ( What is ringworm ? )

  🌺 जब कोई व्यक्ति अपने शरीर के लिए थोड़ी सी लापरवाही कर देता है तब ऐसी गंभीर बीमारियां घेर लेती हैं। और यह छोटी-छोटी बीमारियां बड़ा रूप ले लेते हैं। अपने खाने को लेकर लापरवाह रहना जैसे कि बहुत ज्यादा मीठा खाना, ज्यादा नमकीन चीजों का इस्तेमाल करना, अत्यधिक नमक का इस्तेमाल करना, बासी भोजन करना, दूषित आहार या साफ-सफाई की कमी के कारण होना, शरीर में कफ का असंतुलन हो जाना, इन सब के कारण दाद की समस्या हो सकती है।जिससे त्वचा पर खुजली जलन और लालिमा जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं, और दाद का रुप ले लेते हैं दाद चार प्रकार के होते हैं।

 🌺 1 -  टीनिया क्रूरीस   ( Tinea Cruris ) 

 🌺 2 - टीनिया कैपिटिस  ( Tinea Capitis )

  🌺 3 -  टीनिया पैडिस   ( Tinea Paedis )

  🌺 4 - टीनिया बार्बी .    ( Tinea Barbae )

  

🌺  टीनिया क्रूरीस -

 🌺  यह जोड़ों आंतरिक जागो और नितंबों के आसपास की त्वचा पर होता है।

 🌺 टीनिया कैपिटिस -

  🌺 यह दाद सिर की त्वचा ( scalp ) पर होता है, जो ज्यादातर बच्चों को होता है। इस तरीके का दाद स्कूल में जाने वाले बच्चों को ज्यादा फैलता है इससे बच्चे एक-दूसरे से संक्रमित ज्यादा होते हैं। इसकी पहचान सिर के कुछ हिस्से में गंजापन दिखने लगता है और इसमें खुजली ( itching ) होने लगती है।

 🌺 टीनिया पैडिस -

  🌺  यह दाद पैरों पर देखने को मिलता है, सार्वजनिक स्थानों पर नंगे पांव जाने से इसका खतरा अधिक रहता है। खेत में काम करना या बरसात के समय में यह फंगल इन्फेक्शन देखने को मिलता है ।

  🌺 टीनिया बार्बी -

  🌺  यह वाला दाद चेहरे पर थोडी के आस पास दाढ़ी वाली जगह पर और गर्दन पर होता है। इसके कारण कई बार दाढ़ी के बाल टूटने लगते हैं, और यह अक्सर नाई के पास दाढ़ी कटवाने के दौरान होता है। इसलिए इसे बारबार्स इट्च  ( Barbar's itch ) भी कहते हैं ।

  🌺 दाद एक तरह का फंगल इंफेक्शन होता है, जो एक तरह के फंगल के संक्रमण से होता है। इसमें खुजली और जलन होती हैं, और यह गोल आकार में दिखाई देता है धीरे-धीरे यह बढ़ने लगता है। लेकिन एग्जिमा में भी त्वचा पर खुजली और लाल चकत्ते हो जाते हैं, परंतु यह फंगल इनफेक्शन नहीं है। लेकिन कुछ गलत खान-पान के कारण एग्जिमा नहीं है, तो होने की सम्भावना बढ़ जाती है, अगर है तो बिगड़ जाता है। कौन-कौन से खानपान हैं  जिनसे एलर्जी इतनी तेजी से बढ़ती है। डेयरी उत्पाद, खट्टे भोजन, मछली, अंडे, मसाले वाले भोजन, ज्यादा मीठा खाना, आदि या फिर किन्हीं विशेष पदार्थों के संपर्क में आने से जैसे धूल के कण, पराग, बैक्टीरिया, वायरस, आदि। लेकिन सिर्फ यही कारण नहीं है बल्कि एग्जिमा अनुवांशिक भी होता है। अगर माता-पिता दोनों में से किसी एक को एग्जिमा की समस्या रही हो तो यह संतान में होने की संभावना रहती है। इसलिए जरूरी नहीं है कि फंगल इनफेक्शन से ही एग्जिमा हो।

  🌺 दाद फंगल के संक्रमण के कारण होता है,यह फफूंदी जैसा परजीवी बाहरी त्वचा की कोशिकाओं में पनपता है। यह बड़ी ही आसानी से तथा कई तरीकों से फैल सकता है।अगर किसी जानवर को दाद हुआ है, तो उस जानवर को स्पर्श करने से भी दाद का संक्रमण मनुष्य के शरीर में फैल सकता है। या फिर किसी की चीजों का इस्तेमाल करने से भी दाद हो सकता है। जैसे कि - कंधी इस्तेमाल करना, टॉवल इस्तेमाल करना, कपड़े इस्तेमाल करना, किसी भी तरह का ब्रश इस्तेमाल करना, बिस्तर इस्तेमाल करना, आदि।

  🌺  दाद के लक्षण - ( symptoms of ringworm )

  🌺 दाद वाली जगह पर खुजली और जलन दोनों ही हो सकती हैं, या दोनों में से एक भी हो सकती हैं।
  
🌺 यह लाल चकत्ते के रूप में दिखाई देता है। स्किन पर जिस जगह पर दाग है वहां लालपन दिखाई देता है।

  🌺 दाद वाले चकत्ते बाहर की तरफ कि किनारी पर लाल होती हैं, यानी कि जो दाद है वो एक सर्किल में होता है, उसकी जो बाहरी किनारीयां  होती है वह हल्के लाल कलर की होती हैं।

  🌺 इसका गोल आकार होता है जिस पर हल्के हल्के चकत्ते दिखाई देते हैं, और ऊपर की तरफ उभरा हुआ होता है।

  🌺  दाद से बचने के घरेलू उपाय -( Prevention from ringworm )

  🌺  अपने खाने में विटामिन ई को शामिल करें। इससे इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होती है, जिसकी मदद से शरीर ल्यूकोसाइट्स  ( Leukocytes ) को बनाना शुरु करता है। जिससे शरीर में फंगस इंफेक्शन को नष्ट करने में  सक्षम बनता है।
विटामिन ई के लिए जैतून का तेल, सूरजमुखी का तेल, अखरोट, मसूर की दाल, पालक, बादाम, तिल आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 🌺 खाने में लौंग का इस्तेमाल जरूर करें। इसके इस्तेमाल से फंगल संक्रमण दूर रहता है।

  🌺 बरसात के समय यह समस्या ज्यादा हो सकती है, इसलिए साफ सफाई का ज्यादा ध्यान दें, किसी जानवर को कोई इंफेक्शन हो तो उससे दूरी बना कर रखें, और दूसरे की किसी भी तरीके की चीज का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें।

  🌺 अधिक पसीने से बचना चाहिए उसके लिए 1 दिन में कम से कम दो बार स्नान जरूर करें और किसी नहाने के पानी में आधा नीबू निचोड़ कर नहाया जाए तो कई फंगल इंफेक्शन दूर होते हैं।

  🌺 अत्यधिक नमकीन और मीठे खाद पदार्थों का इस्तेमाल ना करें। जैसे कि - गुड, चॉकलेट, सोडा युक्त पेय पदार्थ, बहुत ज्यादा तला भुना और मिर्च मसाले वाला भोजन, जंक फूड, शराब, धूम्रपान, तथा अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

  🌺 दाद वाली जगह पर ज्यादा खुजलाना नहीं चाहिए, इससे दाद बढ़ता है, और खुजलाने के बाद हमेशा साबुन से हाथ साफ कर लें नहीं तो आप के हाथ जहां भी टच होंगे वहां भी दाद होने की आशंका रहती है।

  🌺 नारियल का तेल त्वचा के लिए अच्छा माना जाता है। यह ना सिर्फ खुजली वाली त्वचा से राहत दिलाता है बल्कि त्वचा को चिकना और नरम भी बना देता है, इसलिए प्रभावित क्षेत्र पर नारियल का तेल लगाने से आराम मिलता है।

  🌺 हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह कार्य करती है, हल्दी और पानी को मिलाकर अच्छी तरह पेस्ट बना लें और रूई की सहायता से इसे प्रभावित जगह पर लगाएं।

  🌺 एलोवेरा एंटीफंगल और जीवाणु रोधी होते हैं। दाद के ऊपर एलोवेरा का रस लगाने से आराम मिलता है एलोवेरा का रस लेकर दाद के ऊपर लगाएं और पूरी रात भर के लिए छोड़ दें। इससे दाद के चकत्ते और खुजली को ठीक करता है। और त्वचा को स्वस्थ करने के लिए कई पोषक तत्व और मिनरल प्रदान करता है।


  🌺 सेब का सिरका दाद के लिए अच्छा माना जाता है इसीलिए सेब का सिरका लगाने से दाद में राहत मिलती है। इसको दिन में कम से कम तीन से चार बार जरूर लगाएं ।

  🌺 टी ट्री ऑयल शरीर की कई समस्याओं को दूर करता है जिसमें से एक दाद भी है। दिन में तीन से चार बार टी ट्री ऑयल लगाने से दाद पर आराम मिलता है और खुजली में भी राहत होती है रूही की सहायता से हल्के हल्के हाथों लगाएं।

  🌺 सरसों के दाने को लेकर पानी में 1 घंटे के लिए भिगो दें। उसके बाद इसका पेस्ट बनाकर दाद वाली जगह पर लगाएं इससे आराम मिलेगा।

  🌺  लेमन ग्रास फंगल इंफेक्शन के लिए बढ़िया मानी जाती है, इसलिए इसका दिन में दो से तीन बार काढ़ा बनाकर पिए दाद में काफी आराम मिलेगा।

  🌺 जैतून की पत्तियां जो इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करतीं हैं, इसलिए जैतून की पत्तियों को दिन में दो से तीन बार चलाएं और उसका सारा रस पीने के बाद पत्तियों के बचे हुए टुकड़ों को बाहर निकाल कर फेंक दें।

  🌺 एक चम्मच जो जोजोबा ऑयल में एक बूंद लैवेंडर ऑयल की मिलाएं और इसे रुई की मदद से प्रभावित हिस्से पर लगाएं यह बच्चों के लिए बहुत अच्छा विकल्प है ।

  🌺 नमक और सिरका को मिलाकर प्रभावित जगह पर दिन में तीन से चार बार लगाएं नमक और सिरका स्किन के सफाई के लिए एक अच्छा स्रोत है। इसलिए इसको लगाने से दाद की आसपास की सफाई के लिए बहुत अच्छा है जो फंगल इंफेक्शन  दूर करता है ।

  🌺 नारियल का तेल और राई के बीज फंगल इंफेक्शन के लिए अच्छे रहते हैं। इसलिए राई के बीज को पीसकर नारियल के तेल में मिलाकर लगाने से आराम मिलता है।

  🌺 इमली के बीज को पीसकर नींबू के रस में मिलाकर दाद वाली जगह पर लगाने से शीघ्र ही आराम मिलता है और दाद तीन-चार दिन में खत्म हो जाता है।

  🌺 नीम के पत्तों को पानी में उबालकर पानी को ठंडा कर करें और इससे नहाने से दाद खाज खुजली सभी रोग दूर होते हैं।

  🌺 करेले के पत्ते का रस और गुलाब जल मिलाकर लगाने से दाद में शीघ्र आराम मिलता है।

  🌺 दालचीनी के पत्ते को पीसकर शहद के साथ दाद वाली जगह पर लगाने से दाद जल्दी ठीक हो जाता है।

  🌺 दाद वाली जगह पर देसी घी लगाने से भी आराम मिलता है नहाने के बाद या दिन में दो से तीन बार देसी घी जरूर लगाएं।

 🌺 दाद वाली जगह पर खीरे का रस भी लगा सकतें हैं इससे भी दाद पर आराम मिलता है।

  सावधानी -

  🌺 जैसा कि हमने इसमें बताया है कि दाद किस तरीके से होता है और किस तरीके से इसकी देखरेख कर के ठीक कर सकते हैं।लेकिन इसके बावजूद भी अगर आपका दाद बढ़ रहा है तो अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क जरूर करें और अपनी चीजों को अलग रखें घर में किसी को भी इस्तेमाल ना करने दें नहीं तो घर में किसी को भी यह इंफेक्शन हो सकता है। अपने नहाने का साबुन भी अलग रखें।

















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