छिलके वाली दाल से पौस्टिक भोजन ( दाल की बड़ी )

दाल की बड़ी (स्टीम से पका हुआ भोजन) 

 
🔶 दिल के रोगी के लिए छिलके वाली दाल बहुत ही फायदेमंद रहती है अगर दिल के रोगी छिलके वाली दाल खाते हैं तो वह आगे तक स्वस्थ रह सकते हैं। छिलके वाली दाल में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है जो दिल के रोगियों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है अगर वह बिना छिलके वाली दाल का सेवन करते हैं तो फायदे की जगह नुकसान होता है तो इसलिए दिल के रोगी छिलके वाली दाल का सेवन जरूर करें और इसका सेवन कोई भी स्वस्थ व्यक्ति कर सकता है उसको कोई भी नुकसान नहीं होगा बल्कि उसको सेहत के लिए अच्छा ही रहेगा। बिना पॉलिश वाली दाल का ही सेवन करें। 🔶



                                           🔶 सामग्री 🔶


  🔶 दो कप छिलके वाली दाल
      
  🔶 सेंधा नमक

  🔶 टमाटर ( २ medium साइज के )

  🔶 1 चम्मच घी या तेल

  🔶 2 हरी मिर्च 

  🔶 अदरक और लहसुन का पेस्ट आधा चम्मच 

  🔶 चुटकी भर जीरा

  🔶 चुटकी भर कलौंजी


                             🔶  बनाने की विधि 🔶


   🔶   सबसे पहले दो कप छिलके वाली दाल आपको जो भी पसंद हो ले सकते हैं। अच्छे से साफ कर लें, और पानी से धो कर उसको एक बर्तन में पूरी रात के लिए भिगो दें और उसमें आधा चम्मच सेंधा नमक भी डाल दें। अगले दिन उस  दाल  को अच्छे से दो से तीन बार पानी से धो लें लेकिन याद रहे उसके छिलके पानी के साथ ना गिरे।इसके लिए आप एक मोटी छलनी ले सकते हैं, जिससे उसका पानी अच्छे से निकल जाएगा  छिलका और दाल उसी में रह जाएगी । जब दाल अच्छे से धुल जाए, तो एक मिक्सी के जार में डाल कर महीन पीस लें। अब एक बर्तन में पानी गर्म होने लगते हैं जब पानी अच्छे से गर्म हो जाए। उस बर्तन पर चाहे तो कपड़ा बांधकर या ऐसा बर्तन जिसमें बहुत सारे होल हो रहे हो उस पर रख दें और उसके ऊपर पिसी हुई दाल के छोटे-छोटे पीस बनाकर रखें चाहे तो आप उंगली की सहायता से या फिर किसी छोटी चम्मच से भी कर सकते हैं। अब उसके ऊपर एक बर्तन ऐसा रख दें जिससे उसकी भाप/स्टीम बाहर न निकले। अब इसको लगभग 5 से 7 मिनट तक पकाना है। पक जाने के बाद एक बर्तन में रख दें। अब इसका मसाला बनाने के लिए। ऊपर बताई गई सभी सामिग्री (जीरा और कलौंजी छोड़कर )  का पेस्ट बना लें। एक बर्तन में एक छोटा चम्मच घी या तेल डालें और उसमें जीरा और कलौंजी डालकर भूनें अब इसमें पिसा हुआ मसाला और सेंधा नमक डाल कर अच्छे से भूनें  जब मसाला अच्छे से भून जाए तब इसमें स्टीम में पकी हुई बड़ीयों को डाल दें अब इसको अच्छे से कुछ देर के लिए चलाते रहें तो छिलके वाली दाल से बनी हुई रेसिपी तैयार है। अगर आपको लहसुन और अदरक का स्वाद पसंद नहीं है तो इसमें ना डालें। यह रेसिपी आपको नुकसान नहीं करेगी।क्योंकि हमने इसमें ऐसी कोई भी चीज इस्तेमाल नहीं की है जो सेहत के लिए खराब हो।🔶

अगर किसी को मसाले वाली बड़ी नहीं खानी है तो वह दही और टमाटर की चटनी के साथ भी खा सकते हैं




   🔶 Note -🔶

    🔶 दाल और  सभी मसाले एक साथ पीसकर आप पेस्ट तैयार कर सकते हैं अब इस पेस्ट को स्टीम  में पकाना है। नमक उतना ही डालें जितना जरूरत है। क्योंकि हम नमक का इस्तेमाल दाल गलाते  समय कर चुके हैं इसीलिए इसमें नमक डालते समय थोड़ी सावधानी जरूर रखें नहीं तो नमक ज्यादा हो सकता है। इस तरीके से रेसिपी बनाने से एक चम्मच घी या तेल का इस्तेमाल नहीं होगा।अब आपको इसे किस तरीके से पकाना है बनाना है दोनों तरीके मैंने आपको इसमें बता दिए हैं। आप चाहे तो सिर्फ टमाटर का भी पेस्ट बनाकर इस रेसिपी का मसाला बना सकते हैं टमाटर सेहत के लिए अच्छा होता है वह कोई भी नुकसान नहीं करता अगर आपको इनमें से किसी भी चीज से परेशानी है तो आप उनका इस्तेमाल न करें। कलौंजी, मौत को छोड़कर सभी बीमारियों से दूर रखती है। इसलिए कलौंजी का इस्तेमाल जरूर करें हृदय रोगी के लिए फायदे में रहेगी। इस रेसिपी का इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति कर सकता है चाहे वह हृदय का रोगी हो चाहे वह स्वस्थ हो।🔶

बाजार का बना हुआ  किसी भी तरीके के पेस्ट का इस्तेमाल न करें ।
















      






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