Children's balanced diet

6 से 12 साल के बच्चों की महत्वपूर्ण बातें

 balyavastha ( childhood and late childhood )

                 इस उम्र के बच्चे अक्सर खानपान की सुंदरता को देखकर खाना पसंद करते हैं। वे चाहते हैं कि उनकी प्लेट से लेकर उनकी खाने की चम्मच तक सुंदर होनी चाहिए जिससे वो मन से खाना खा सकें ऐसा ना होने पर अक्सर बच्चे स्वादिष्ट खाने को भी पीछे छोड़ देते हैं और वो बाहर का खाना शुरु कर देते हैं। इस उम्र में बच्चे अपने पसंद का भोजन से लेकर हर चीज चाहते हैं। इसलिए हो सके तो इस उम्र के बच्चों को खाना स्वाद के साथ पोस्टिक तो होना चाहिए साथ में डेकोरेट किया हुआ होगा तो, बच्चे फटाफट से खाना फिनिश कर देते हैं। अगर आपका बच्चा भी खाना खाने से दूर भागता है तो उसको अलग अलग तरीके से खाने को खिलाने की कोशिश करें । इस उम्र में बच्चे की शारीरिक-मानसिक और बुद्धि का विकास बहुत तेजी से होता है। इस उम्र में बच्चों को न्यूट्रिशन से भरपूर खाना खिलाना चाहिए। पौष्टिक भोजन ना देने पर शारीरिक मानसिक और बुद्धि का विकास सही ढंग से नहीं हो पाता जिससे कई बीमारियों का उम्र भर सामना करना पड़ सकता है। इसलिए एक healthy diet बहुत जरूरी है, बढ़ते बच्चों के लिए।




 बच्चों का संतुलित आहार ( children's balanced diet ) -

      इस उम्र के बच्चों को  प्रोटीन - ( Protein )   कैलोरी - ( Calorie )    कैल्शियम - ( Calcium )  आयरन - ( Iron )  विटामिन ए -  ( vitamin a ) विटामिन डी ( vitamin d )  थायमिन - ( Thiamine )   राइबोफ्लैविन - ( Riboflavin )  ( Ascorbic acid )  फोलिक अम्ल -  ( Folic acid ) विटामिन B12, और निकोटिनिक अम्ल - ( Nicotinic acid )  से युक्त भोजन देना चाहिए।

  प्रोटीन - 

               इस उम्र में बच्चों की लंबाई - बजन व शरीर के अन्य अंगों की वृद्धि हो रही होती है। इसलिए बच्चों के शरीर के लिए प्रोटीन की बहुत आवश्यकता पड़ती है ।‍‍‌‍‌‌‌ यह शरीर के टूटे-फूटे अंगों को जोड़ने का काम भी करती हैं। प्रोटीन -आटा, दूध सूखे मेवे दही देसी चना छाछ राजमा सोयाबीन सब्जियां और दाल इन चीजों से प्रोटीन को प्राप्त किया जा सकता है इसलिए अपने बच्चों की थाली में इन सभी प्रोटीन युक्त चीजों को शामिल जरूर करें

  कैलोरी - 

               इस उम्र में बच्चे खेल कूद अधिक करते हैं एवं  उनके दिमाग का विकास तेजी से हो रहा होता है। इसलिए उन्हें अच्छी भूख भी लगती है। इसलिए बच्चों को कैलोरी युक्त भोजन देना बहुत जरूरी होता है। कैलोरी युक्त भोजन ना देने पर उनका शारीरिक विकास और मानसिक विकास रुक जाता है।

   आयरन - 

             आयरन बच्चों के खाने में बहुत जरूरी होता है। आयरन  हरी सब्जियां , चने, नारियल, गुड़ आदि से प्राप्त किया जा सकता है। आयरन की कमी के कारण एनीमिया जैसी प्रॉब्लम हो जाती है।

   कैल्सियम - calcium -

               कैल्शियम से बच्चों के दांत व हड्डियां मजबूत होती हैं। ऐसे में बच्चों के दूसरी बार के दांत और हड्डियां बढ़ रही होती हैं इसलिए कैल्शियम की बहुत आवश्यकता पड़ती है इसलिए बच्चों को कैल्शियम से भरपूर खाना जरूर खिलाएं । इसकी कमी के कारण दांत और हड्डियां कमजोर रह सकती हैं।

   विटामिन ए -

               विटामिन ए - आंखों की रोशनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। विटामिन ए बच्चों को भरपूर मात्रा में देनी चाहिए। विटामिन ए - हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, 🥚अंडा, 🥕 गाजर, पपीता, आम, पीले फलों का सेवन करना चाहिए। इसकी कमी के कारण बच्चों की आंखों की रोशनी उम्र भर के लिए या तो हल्की हो जाती है या अन्य आंखों की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए अपने बच्चों के खाने में विटामिन ए का इस्तेमाल जरूर करें।

   Vitamin D -

    विटामिन डी - बच्चों की बढ़ती Bones के लिए जरूरी होती है। Vitamin D शरीर के लिए जितनी जरूरत होती है, वह सब धूप से प्राप्त की जा सकती है। इसलिए अपने बच्चे को सुबह की लाल सूर्य की धूप जरूर लेने को कहें । विटामिन डी की कमी के कारण बच्चों की हड्डियां अच्छे से नहीं बढ़ पातीं इसलिए बच्चों की सही से ग्रोथ नहीं हो पाती।

   थायमिन -

   इस उम्र में बच्चे अक्सर बीमार जल्दी हो जाते हैं। इसलिए बच्चों को vitamin C और B complex की बहुत जरूरत होती है। थायमिन से बच्चों को वेरी-वेरी रोग से बचाया जा सकता है। थायमिन की पूर्ति करने के लिए खमीरी युक्त भोजन हर तरीके का अनाज और सभी प्रकार की दाल भोजन में शामिल करनी चाहिए।

   Riboflavin -राइबोफ्लेविन 

                   कई रोगों से बचने के लिए राइबोफ्लेविन अत्यंत आवश्यक है। यह lips के फटने से रोकता है । यह lips की सुरक्षा प्रदान करता है।

   ascorbic acid -
                 यह बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाता है और मसूड़ों और दांतों को स्वस्थ रखता है। किसकी कमी के कारण मसूड़ों से खून निकलना शुरू हो जाता है।

    Vitamin B12 -

               बच्चों को विटामिन B12 भोजन में अत्यंत आवश्यक है। इसकी कमी के कारण एनीमिया और नाड़ी संबंधी रोग हो जाते हैं।‌ 

   Folic acid - 

               इसकी कमी होने पर एनीमिया, थकान, कमजोरी, जल्दी और बहुत ज्यादा गुस्सा आना सांस फूलना चिड़चिड़ापन आदि समस्याएं हो सकती हैं। इसको विटामिन B9 भी कहते हैं। यह विटामिन नई कोशिकाओं के उत्पादन में एवं शरीर की प्रतिरक्षण प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है।

     Nicotinic acid  -

               इसको विटामिन B3 या नियासिन के नाम से जाना जाता है। इसका मुख्य काम skin, digestion, और मानसिक स्वास्थ्य को सही रहता है।

   बच्चों का दैनिक संतुलित आहार (Children's daily balanced diet )

 breakfast -

    इस उम्र के बच्चों को सुबह के नाश्ते  ( breakfast ) मैं अंकुरित अनाज ( Sprouted grains ) और एक गिलास दूध, छाछ , juice, और soup इनमें से कोई एक देना चाहिए।

school ka lunch box - 

            अगर आपका बच्चा स्कूल जाता है तो उसको खाने में कुछ ऐसा हेल्दी फूड दें जिसे खाकर उसका पेट तो भरे ही साथ में उसको पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिले जैसे कि पोहा, इडली, हलवा, उपमा, भरवां पराठा आदि। 
 

दोपहर का खाना ( Lunch ) -

             बच्चे को दोपहर ( Lunch ) के खाने में चावल एक दाल, सब्जी, मोटे आटे की रोटी, पालक, पनीर,  salad में प्याज 🍅 खीरा🥒 ककड़ी मूली गाजर🥕 मौसम की सब्जियां, रायता, खीर इत्यादि देनी चाहिए।बच्चा एक बार में यह सब कुछ नहीं खा सकता। इसलिए हर रोज बच्चे को खाना बदल बदल कर देना चाहिए।

सायं काल -

   शाम के टाइम बच्चे को सूप जूस देना चाहिए

    रात्रि का भोजन -

           रात्रि के भोजन में बच्चे को एक सूखी सब्जी, एक दाल, दूध से बनी मिठाई देनी चाहिए। बच्चों को हमेशा मौसमी फल या सब्जी ही देनी चाहिए।

 सोते समय -

   एक गिलास हल्दी वाला दूध या केसर पिसता वाला दूध देना चाहिए।













 



 











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