मधुमेह ( Diabetes )

डायबिटीज( Diabetes )

डायबिटीज के रोगियों की संख्या भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों में  दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। Diabetes वृद्ध और युवाओं में ही नहीं बल्कि नवजात शिशु या छोटे बच्चों में भी देखने को मिल रही है। डायबिटीज एक गंभीर बीमारी तो है ही, लेकिन हम इस पर नियंत्रण कर सकते हैं अपनी Life style और कुछ बातों में सावधानी रखकर। यह रोग स्त्रियों  से ज्यादा पुरुषों में देखने को मिलता है।


डायबिटीज कब और क्यों होती है?

 डायबिटीज अनुवांशिक, मोटापा, मानसिक तनाव, क्रोध, चिंता भय, समय पर भोजन न करना, समय से ना सोना, देर से उठना, और 40+ के बाद डायबिटीज का खतरा ज्यादा हो जाता है। 
Pancreatic ( अग्नाशय ) insulin बनना कम हो जाता है या बंद हो जाता है तब हमारे ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है अगर इसे नियंत्रण ना किया जाए तो हम डायबिटीज के रोगी हो जाते हैं।

डायबिटीज दो प्रकार की होती है।

 टाइप- 1  और  टाइप- 2

 टाइप- 1 डायबिटीज -

   यह अनुवांशिक होती है। अगर किसी के परिवार में डायबिटीज पहले से रह चुकी हो, जैसे माता पिता, दादा दादी, नाना नानी, या इनसे पहले के किसी भी सदस्य में डायबिटीज रही हो तो उनके परिवार के सदस्यों मै इस रोग के होने की संभावना अधिक होती है। अगर 40 वर्ष की उम्र से पहले किसी को डायबिटीज हुई हो तो यह अनुवांशिक हो सकती है।
  टाइप 1 की समस्या बच्चे में जन्म से भी देखने को मिल सकती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि अनुवांशिक कारणों से pancreas मैं इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। शरीर की कुछ कोशिकाएं अग्नाशय की कोशिकाओं को नष्ट कर देती हैं। जिससे इंसुलिन नहीं बन पाता और रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है। टाइप 1 डायबिटीज में इलाज करते समय पेशेंट को समय-समय पर इंसुलिन देना होता है।


 टाइप-  2  डायबिटीज -

   यह गलत life style और खान पान, मानसिक उत्तेजना, अत्यधिक मानसिक श्रम, शराब का अत्यधिक सेवन करना, अत्यधिक ठंडा पानी पीना, रोम कूप बंद होना और insulin के कम बनने से इस रोग की उत्पत्ति हो सकती है।
   टाइप- 2 की समस्या अत्यधिक मोटापा, हाई बीपी, समय पर ना सोना, सुबह देर से उठना, बहुत अधिक नशा करना, और निष्क्रिय ( inactive ) जीवनशैली के कारण भी हो सकती है।
टाइप  2  डायबिटीज मैं व्यक्ति को सिर्फ जरूरत पड़ने पर इंसुलिन की डोज दि जाती है।

विश्व में टाइप 2 के रोगियों की संख्या ही अत्यधिक है।

    स्वस्थ व्यक्ति का शुगर लेवल कितना होना चाहिए?

    एक स्वस्थ व्यक्ति  जिसने 6 से 8 घंटे कुछ नहीं खाया हो उसका Sugar level  70-99 mg/dl के बीच होता है, वही खाना खाने के बाद Sugar  level  140 mg/dl हो जाता है, रात में सोने के टाइम 120 mg/dl होता है। अलग अलग व्यक्ति का शुगर लेवल अलग अलग होता है। 

  डायबिटीज के लक्षण ( Symptoms )

  • डाइजेशन सही से ना होना  
  • ज्यादा भूख लगना
  • बेहद प्यास लगना
  • कब्ज रहना
  • सिर में दर्द
  • चक्कर आना
  • नेत्र विकार
  • त्वचा की शुष्कता
  • कमजोरी महसूस करना
  • मसूड़ों का फूलना
  • दांत के रोग होना
  • मुंह से दुर्गंध आना
  • शरीर में खुजली होना
  • घाव जल्दी ठीक ना होना
  • धुंधला दिखना
  • पेशाब में जलन होना
  • पेट में दर्द रहना
  • बार-बार पेशाब आना 
  • सूजन होना
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना
  • थकान महसूस होना
  • नाड़ी संबंधी विकार ( जैसे पागलपन, चिड़चिड़ापन, अंधापन आदि )
       डायबिटीज के बारे में हम आपको डराने नहीं बल्कि इस डर से बाहर निकालनेगे कि कैसे डायबिटीज         पर नियंत्रण पा सकते हैं।

उपचार ( Treatment ) डायबिटीज को कैसे रखें कंट्रोल में-

डायबिटीज का कोई स्थाई उपचार नहीं है, लेकिन इसे हम कुछ हद तक नियंत्रण कर सकते हैं, अपनी life style चेंज कर के, चलिए जानते हैं कैसे ?
व्यक्ति को स्वयं स्वस्थ होने के लिए प्रयास करना होगा, ना कि घर वालों के  pressure में आकर मजबूरी में करने की कोशिश करेगा। साथ ही अपने डॉक्टर की हर बात को मानने की कोशिश करें।  क्योंकि कोई भी रोग दवाइयों से ज्यादा अपने मनोबल और इच्छा शक्ति, से जल्दी ठीक किया जा सकता है।
अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज के साथ अन्य बीमारियां भी हैं तो उनके इलाज में अंतर होता है।
 पहले व्यक्ति को अपने बजन पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है।  दूसरा खानपान पर कंट्रोल करके। 
और यौगिक अभ्यास एवं प्राकृतिक उपचारों की मदद से इस रोग की स्थिति को छह से सात 6 से 7 सप्ताह के अंदर नियंत्रण में लाया जा सकता है।

डायबिटीज रोगियों का आहार ( Diet )

  1.     डायबिटीज के रोगी को अधिक प्यास लगने पर एक गिलास में आधा नींबू निचोड़ कर पीने से लाभ होता है।  
  2. आम और जामुन समान मात्रा में लेकर उसका जूस लेने से मधुमेह मैं आराम मिलता है। 
  3. आंवले का रस या चूर्ण शहद में मिलाकर लेने से डायबिटीज मैं लाभ होता है।
  4. टमाटर डायबिटीज के लिए बहुत लाभदायक है क्योंकि टमाटर शर्करा की मात्रा घटाता है, और पेशाब में शक्कर जाना धीरे धीरे बंद हो जाता है।
  5. डायबिटीज के रोगियों को गाजर और पालक का रस पीने से लाभ मिलता है।
  6. डायबिटीज के रोगी को करेला और करेले का जूस नित्य पीना चाहिए।
  7. काले चने रात में दूध में गला कर रख दे सुबह उसको खा ले मधुमेह में आराम मिलेगा।
  8. ज्यादा पेशाब आना या बार-बार प्यास लगना, एक छोटी चम्मच शहद चुटकी भर हल्दी मिलाकर खाने से प्यास और पेशाब में आराम मिलता है।
  9. अगर मीठा खाने की ज्यादा इच्छा हो तो चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  10. गेहूं चना और जो तीनों को मिलाकर आटा तैयार कर लें उसकी रोटियां खाने से डायबिटीज में आराम मिलता है।
  11. फल कौन कौन से खा सकते हैं, आंवला, नींबू, संतरा, खरबूज, तरबूज, जामुन, पपीता, नाशपाती अमरूद,  सेब और पकी गूलर आदि का प्रयोग कर सकते हैं।
  12. वैसे हम चाय पीने की सलाह नहीं देते, लेकिन अगर आप चाय पीना चाहते हैं तो बिना शक्कर की पी सकते हैं।
  13. गेहूं और जौ का दलिया खाने से मधुमेह में लाभ मिलता है।
  14. खाने में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए क्योंकि यह रक्त में ग्लूकोज तथा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करता है।
  15. रात में हल्दी वाला दूध बिना मलाई का लेना चाहिए।
  16. रोजाना भोजन में मेथी का प्रयोग जरूर करें।
  17. मेथी को अंकुरित करके, या मेथी का पाउडर खाने से लाभ होता है।

    डायबिटीज में क्या ना खाएं?

  1.   अनाज में चावल और मक्का का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
  2.   मिठाइयों का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
  3.   केला और अंगूर मधुमेह के रोगी को नहीं खाना चाहिए।
  4.   शक्कर, गुड़ और खजूर बिल्कुल भी ना खाएं।
  5.   जड़ एवं कंद वाली सब्जियां नहीं खानी चाहिए।
  6.   मधुमेह के रोगी को आइसक्रीम नहीं खानी चाहिए
  7.  डिब्बा बंद या पैक्ड चीजों का इस्तेमाल ना करें
  8. डायबिटीज के रोगी chocolate और pastries ना खाएं।
  9. मधुमेह के रोगी को आलू का सेवन नहीं करना चाहिए।
  10.  डायबिटीज के रोगी को सूखे मेवे ज्यादा नहीं खाने चाहिए।
  11. मधुमेह के रोगी तली हुई चीजें ना खाएं।

   डायबिटीज के रोगियों को योग कौन-कौन से करने चाहिए ?

  •  कटिचक्रासन
  • भुजंगासन
  • उष्ट्रासन
  • धनुरासन
  • मयूरासन
  • मंडूकासन
  • सूर्य नमस्कार और इंजन दौड़ का अभ्यास इस रोग को दूर करने में रामबाण का काम करता है।

  






 









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